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947 B
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मैं मृतक के समान लोगों के मन से बिसर गया
“लेखक कह रहा है कि लोग उसको इस तरह भूल गये है जैसे के वह मर चुका हो”
मैं टूटे बर्तन के समान हो गया हूँ।
“टूटे हूए बर्तन के समान बेकार है”
मैंने बहुतों के मुँह से अपनी निन्दा सुनी
“बहुत से लोग मेरे बारे में बाते कर रहे है”
चारों ओर भय ही भय है!
“हर तरफ से ड़रावनी खबरें“
तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की।
“मुझे मारने के लिये”