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मेरे लिये चट्टान

“जैसे कि बहुत बड़ी चट्टान जिसमें हम सुरक्षित हो सकते है”

मेरा गढ़ है;

यहोवा को इस तरह कहा गया है जैसे कि एक मजबूत शरन स्‍थान है जिसमें लैखक अपने दुशमनो से सुरक्षित है।

अपने नाम के निमित्त

“इस लिऐ कि तेरा नाम आदर पाऐं”

मेरी अगुआई कर और मुझे आगे ले चल।

”जहाँ तू ले जाना चाहे मेरी अगुआई कर”

जो जाल उन्होंने मेरे लिये बिछाया है \q उससे तू मुझ को छुड़ा ले,

लेखक इस तरह कह रहा है जैसे कि वह एक चिड़ीया के समान है जो कि छिपे हुवे जाल में फँस गयी है और यहोवा का इन्‍तजार कर रही है कि वह जाल से उसे आजाद करवाए।

तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है

“तू हमेशा मेरी रक्षा करता है”