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परन्तु मैं तो

यह वाक्‍यांश दिखाता है कि लेखक बदल रहा है दुष्ट लोगो के बारे में कहने की ओर से अपने बारे में बत रहा है।

मैं तो खराई से चलता रहूँगा।

“मैं सच्‍चाई के साथ व्‍यवहार करुँगा”

मेरे पाँव स्थान

“यहा मैं खड़ा हूँ”

स्थिर है

“सही व्‍यावहार” या “सुरक्षित स्थान”

सभाओं में मैं यहोवा को धन्य कहा करूँगा।

“जब मैं इस्राएली लोगों के साथ इकट्ठा हूँगा मैं तेरी प्रशंसा करुँगा”