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हे फाटकों, अपने सिर ऊँचे करो! हे सनातन के द्वारों, ऊँचे हो जाओ!

“खुल जाओ, प्राचीन फाटको”

अपने सिर ऊँचे करो

यह अनिश्‍चित है के “सिर” फाटक का कोनसा खास हिस्‍सा है परन्तू‍, यह पूरे गेट का प्रतीक है।

यहोवा जो सामर्थी और पराक्रमी है, परमेश्‍वर जो युद्ध में पराक्रमी है!

लेखक यहोवा के बारे में बताता है जैसे कि वह सामर्थी योध्‍दा है जो मैदान में युद्ध करता है।