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यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है....उसके पवित्रस्थान में कौन खड़ा हो सकता है?
इन दोनो प्रशनों का एक ही अर्थ है। बोलनेवाला इस बारे में पूछ रहा है कि किसे यहोव की पूजा करने की अनुमति है और कौन उसके लिए जाएगा।
चढ़।
“उपर चढना”
यहोवा के पर्वत।
यह यरूशलम में सियोन के पर्वत को दर्शाता है।
उसके पवित्रस्थान में।
यह यहोवा के मंदिर को दर्शाता है। उसका मंदिर यरूशलेम में सियोन के पर्वत पर है।
जिसने अपने.... जिसने..... जिसने नहीं लगाया,
यहा पर यह किसी खास व्यक्ति को नही दर्शाता। “जिनके पास है....जिनके पास नही है”
जिसके काम निर्दोष।
“वह जो वही करते है जो सही है”
हृदय शुद्ध है।
“जो अच्छे विचार सोचते है” या “जो बुरा काम करने के बारे में नही सोचते है”
जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया,
“जो मूर्तीयो की पूजा नहीं करते”