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सामान्‍य जानकारी:

यह भजन लगातार बता रहा है कि कैसे परमेश्‍वर हमारी चिन्‍ता करता है जैसे एक चरवाहा अपनी भेड़ो की चिन्‍ता करता है।

वह मेरे जी में जी ले आता है।

इसका मतलब है की परमेश्‍वर कमजोर और थके हुए उस व्‍यक्‍ति को दौबारा मजबूत करता है और उसे शांति देता है।

धार्मिकता के मार्गों में वह मेरी अगुआई करता है।

“वह मुझे सिखाता है कि सच्‍चाई से कैसे जीना है”

अपने नाम के निमित्त

“अपने नाम” यह वाक्‍यांश उसकी प्रतिष्ठा को दर्शाता है। “ताकि लोग उसका मान सम्‍मान करें”