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825 B
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उसकी महिमा।
“राजा का आदर”
तू उसको वैभव और ऐश्वर्य से आभूषित कर देता है
“तुने उसको अमीर और शक्तिशाली बना दिया है”
तूने उसके लिये किया है।
“तूने अपनी मरजी से उसको दिया है”
सर्वदा के लिये आशीषित।
“आशीषिशें जो सदा के लिऐ हों”
तू अपने सम्मुख उसको हर्ष और आनन्द से भर देता है।
“तुम्हारी उपस्थिती में होने का आनंद”