hi_tn/psa/019/001.md

1.4 KiB

सामानय जानकारी:

इब्रानी कविता मे समानता सामान्य बात है।

महिमा वर्णन करता है

“आकाश दिखाते हैं” या “आकाश ऐसे लगते हैं जैसे वो घोषना कर रहे हों”

आकाश मण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट करता है

आकाश हमें परमेश्वर के हाथ की रचना दिखाते हैं

उसकी हस्तकला

“उसकी रचना”।

बातें करता है

उसकी रचना हर एक व्यक्ति जैसे सब से बातें करती है ।

न तो कोई बोली है और न कोई भाषा; \q जहाँ उनका शब्द सुनाई नहीं देता है

इन वाक्यों मे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “यह वास्तविक शब्द नहीं हैं, लोग उन्हे असल में नहीं सुनते”

न कोई भाषा

यहाँ उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही है वह वहाँ पर मौजूद नहीं हैं।