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अपनी आँखों की पुतली के समान सुरक्षित रख

“अपनी आँखो की पुतली” किसी मुल्यवान चीज या मनुष्य को दर्शाता है। कि “मुझे ऐसे संभाल जैसे किसी कीमती और बहुमुल्य चीज को संभाला जाता है”

अपने पंखों के तले मुझे छिपा रख

दाऊद परमेश्‍वर की सुरक्षा की बात करता है जैसे कि एक पक्षी अपने पंखों के नीचे अपने युवा की रक्षा कर रहा है कि "मुझे ऐसे सुरक्षित रखें जैसे एक माँ पक्षी उन्हें उसके पंख के नीचे अपने बच्चों की रक्षा करती है“।

उनके मुँह से घमण्ड की बातें निकलती हैं

यहाँ “लोगो के बोलने” को दर्शाया गया है कि वह क्या कहते है। कि “वे हमेशा उन पर घमंड करते हैं”।