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क्या किसी अनर्थकारी को कुछ भी ज्ञान नहीं रहता…यहोवा का नाम नहीं लेते?

यह स्पष्ट रूप मे कहा गया है कि “एक काम के रूप मे अगर उन्हे पता है कि वह क्या कर रहे है कि यहोवा जानता है कि वह क्या कर रहे है।

किसी अनर्थकारी को कुछ भी ज्ञान नहीं रहता

यहाँ “अर्धम“ बुरे काम करने को दर्शाता है।कि “जो लोग बुरे तारीके से व्यवहार करते है”।

जो मेरे लोगों को ऐसे खा जाते हैं जैसे रोटी,

यह उन लोगो को दर्शाता है जो परमेश्‍वर के लोगो के बारे मे बुरी बाते करते है। जेसे भोजन खाया जाता है परमेश्‍वर उन लोगो को खत्म कर देगा।