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यदि नींवें ढा दी जाएँ, तो धर्मी क्या कर सकता है?

यहाँ “धर्म” को कानून और व्यवस्था के साथ उल्लेख कर सकते है जिसका स्पष्ट रूप मे अर्थ है कि “धर्मी लोग कुछ भी नहीं कर सकते है जब तक कानून की पालना न करने बुरे लोगो को सजा नहीं दी जाती“

उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं

“वह मानवता के किये सब कामों की जाँच करता है”।

मनुष्य की सन्तान

“मानवता”।