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वह गाँवों में घात में बैठा करता है

यहाँ पर “वह” शब्द दुष्ट मनुष्य को दर्शाता है

गुप्त स्थानों में निर्दोष को घात करता है

वह कुछ निर्दोष लोगों का शिकार करता है

वह सिंह के समान झाड़ी में छिपकर घात में बैठाता है

वह छिप कर बैठता है और इन्तजार करता है कि कब कोई कमजोर वहाँ से गुजरे, उसी तरह जैसे शेर जानवरों का शिकार करने के लिये घात लगाकर बैठता है।

घात में बैठाता है

इसका अर्थ है मारने या नुकसान पहुँचाने की नियत से छिप कर इन्तजार करना

वह…घात लगाता है

“वह छिप कर इन्तजार करता है“

वह दीन को जाल में फँसाकर पकड़ लेता है

वह शिकारी की तरह दबाए हुए लोगों को जाल में फँसाकर पकड़ लेता है

वह उसके मजबूत जाल में गिर जाते हैं

उसके पीड़ित लोग उसकी योजनायों में ऐसे फँस जाते हैं जैसे जानवर शिकारी के जाल में फँस जाते हैं