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1017 B

आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है

आकाश जो तूने बनाएँ हैं

तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?

यह बहुत अद्धभुत है कि तुम लोगों के बारे में सोचते हो और उनके साथ जुड़ते हो।

मनुष्य… आदमी

ये दोनों शब्द सामान्य रूप से लोगों के बारे में बात करते हैं

महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है

“तुमने उन्हे आदर और महिमा दी है” या तुमने उन्हे राजा बनाया है।