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सामान्य जानकारी
यह वाक्य धर्मी जन के एक विस्तारपूर्वक चित्र का परिचय देता है यहाँ उसे एक समृद्धिशाली वृक्ष के रूप में देखा गया है।
वह उस वृक्ष के समान है…अपनी ऋतु में फलता है
वह एक वृक्ष के समान समृद्ध होता है…अपने मौसम में फल लाता है।
जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है
जो पेड़ पानी की धाराओं के पास होता है उसे स्वस्थ रहने के लिये पर्याप्त पानी मिलता रहता है।
अपनी ऋतु में फलता है
एक स्वस्थ पेड़ सही समय आने पर अच्छा फल देता है।
जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं
यदि पेड़ को पर्याप्त पानी मिलता रहे तो उसके पत्ते न तो सूखते हैं न मरते हैं।
जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है।
जो कुछ वह करे वो उस में सफल होता है।