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मूर्ख का क्रोध, उन दोनों से भी भारी है।

मूर्ख को उकसाना दोनों में से किसी को बर्दाश्त करना कठिन है।

मूर्ख का क्रोध

मूर्ख क्रोध या जलन का कारण बनता है।

क्रोध की क्रूरता और प्रकोप की बाढ़, \q परन्तु ईर्ष्या के सामने कौन ठहर सकता है?

क्रोधी व्यक्ति निर्दयी होता है और व्यक्ति भारी होता है, लेकिन जो ईर्ष्यालु व्यक्ति के सामने खड़ा हो सकता है।

क्रूरता

“कठोरता”।

क्रोध का प्रकोप

"क्रोध की विनाशकारीता“। यहाँ क्रोध की बात की जाती है जैसे कि यह एक शक्तिशाली बाढ़ है।

परन्तु ईर्ष्या के सामने कौन ठहर सकता है?

लेकिन कोई भी ईर्ष्या से पहले खड़े होने में सक्षम नहीं है।

ईर्ष्या के सामने कौन ठहर सकता है

“एक ईर्ष्यालु व्यक्ति का विरोध करने के लिए“।