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जैसे लँगड़े… मूर्खों के मुँह में नीतिवचन होता है।
मूर्खों के मुंह में एक कहावत है कि लड़खड़ाते के पैरों की तरह होती है जो नीचे लटक जाते है।
लड़खड़ाते
उसके शरीर का भाग।
मूर्खों के मुँह में
“मूर्खों का कहना”।
जैसे पत्थरों के ढेर में मणियों की थैली,
एक पत्थर को एक गोफन से बाँधा गया ताकि इसे फेका न जा सके।
मूर्ख को महिमा देनी होती है
“मूर्ख का सम्मान करना”।