इस वाक्य में नीतिवचन का संग्रह शुरु होता है।
ऐसी स्थिति जो किसी न्यायाधीश के समक्ष लाई जाती है जिसमें किसी पर कानून तोड़ने का आरोप लगाया जाता है।