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सामानय जानकारी

आयत 30 में नीतिवचन की किताब के एक नए भाग का परिचय शुरू किया गया है।(22:20)

तेरा शत्रु गिर जाए

“तुम्हारे दुश्‍मन के लिए कुछ बुरा होना”।

तब तेरा मन मगन न हो

खुद को खुश होने की अनुमति नहीं है।

अपना क्रोध उस पर से हटा ले

उसके पर क्रोधित होना बंद करो और इसके बजाय कि वे तुम्हारे साथ क्रोधित रहे।