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टेढ़े मनुष्य के मार्ग में काँटे और फंदे रहते हैं

लेखक दोषी लोगों के जीने के तरीके की बात करता है जैसे कि यह एक ऐसा रास्ता है जिस “काँटों” और “जाल” पर दोषी मानव प्राकृतिक वजह से परेशान होता है”।

फंदे

जानवरों को पकड़ने वाला जाल।

दोषी

“दोषी लोग”।

जो अपने प्राणों की रक्षा करता

“जो व्यक्ति लंबे समय तक जीना चाहते है”।

जिसमें उसको चलना चाहिये

एक व्यक्ति के जीवन की बात की जाती हैकि अगर यह एक रास्ता है जिस पर वह चलता है जैसे कि “उसे कैसे जीना चाहिए”।