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सत्यनिष्ठा पर चलता है

यह एक मुहावरा है। यहाँ जो चलने को दर्शाता है कि “जो एक ईमानदार से जीवन में रहता है"।(19:1)

उसके पुत्र जो उसके पीछे चलते हैं,

"उसके बाद उसके बेटे“।

वह अपनी दृष्टि ही से सब बुराई को छाँट लेता है।

यह बुराई के विभिन्न के बिच की पहचानोम की बात करता है कि यदि वे उन्हें एक व्यक्ति के रूप में अलग करता है जैसे कि “देखते है कि बुराइयों को किसी विभिन्न तरीकों से उसके सामने लाया जा सकता है”।