hi_tn/pro/12/09.md

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# उससे दास रखनेवाला साधारण मनुष्य ही उत्तम है।
उसे अच्‍छा साधारन व्‍यक्‍ति होना है।
# निर्दयता है
“दुख का कारण बनता है”।