hi_tn/pro/11/07.md

637 B

आशा व्यर्थ होती है

“वह विश्वास जो अपनी शक्ति में है”।

कुछ भी नहीं आता

“गायब हो जाता है”।

धर्मी विपत्ति से छूट जाता है

यह स्‍पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “परमेश्‍वर उस व्यक्ति को परेशानी से दूर रखता है जो सही है“।

वह आता है

“मुसीबत आती है”।