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651 B

सामानय जानकारी:

बुद्धि बोलना जारी रखती है।

जब पहाड़ और पहाड़ियाँ स्थिर न की गई थीं, तब ही से मैं उत्‍पन्‍न हुई।

यह स्पष्ट किया गया है कि “पहले पहाड़ के ठिकानों को जगह दी गई”। कि “जब परमेश्‍वर ने पहाड़ों की नीव रखी और उन्हें उचित स्थानों मे डाल दिया”।