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दुष्ट अपने ही अधर्म के कर्मों से फंसेगा

लेखक एक दुष्ट व्यक्ति की बात करता है जो अपनी पापों के अंजामों से बचने में असमर्थ है, मानो वे लोग दुष्ट व्यक्ति को पकड़ते हैं जैसे कि "एक दुष्ट व्यक्ति के अपने पाप ही उसे पकड़ लेते है”।

अपने ही पाप के बन्धनों में बन्धा रहेगा

लेखक एक दुष्ट व्यक्ति की बात करता है कि वह अपने पाप के अंजामों से बचने में असमर्थ हो, मानो वह पाप रस्सी से बना जाल था जिसमें वह व्यक्ति पकड़ा जाता है जैसे कि "अपने पाप की वजह से, वह एक जाल में फसे जानवर की तरह हो जाएगा”।

अपनी ही मूर्खता के कारण भटकता रहेगा

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “उसकी बड़ी मूर्खता उसे भटकाती है“।

अपनी ही मूर्खता के

“कयोंकि वे बहुत मूर्ख है”।