hi_tn/pro/04/10.md

1.9 KiB

मेरी बातें सुनकर ग्रहण कर

“ध्यान से सुनो मैं तुम्हे कया सिखाता हूँ”।

तू बहुत वर्ष तक जीवित रहेगा

“तू कई साल जीऐगा”।

मैंने तुझे बुद्धि का मार्ग बताया है; \q और सिधाई के पथ पर चलाया है

लेखक अपने बेटे को बुद्धिमानी से जीने की शिक्षा देने की बात करता है जैसे कि वह अपने बेटे को उन रास्तों पर ले जा रहा है जहाँ कोई बुद्धि पा सकता है।कि "मैं तुम्हें सिखा रहा हूँ कि कैसे बुद्धिमानी से जीना है, मैं जीने के लिए सही तरीका समझा रहा हूँ"।

जिसमे चलने पर तुझे रोक टोक न होगी*, \q और चाहे तू दौड़े, तो भी ठोकर न खाएगा।

इन दोनों वाक्यों के समान अर्थ हैं। लेखक निर्णय और कार्रवाई के रूप में व्यक्ति को उस मार्ग पर चल रहा है और व्यक्ति के सफल होने का मार्ग बाधाओं मुक्त्त था तो व्यक्ति ठोकर खा सकता है जैसे कि "जब तुम कुछ योजना है, तो तुम इसे करने में सफल होगे”।