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कृपा और सच्चाई तुझ से अलग न होने पाएँ;
"हमेशा वाचा की वफादारी का अभ्यास करने के लिए और भरोसेमंद होने के लिए सुनिश्चित रहे”
उनको अपने गले का हार बनाना,
"उसे गर्व से प्रदर्शित करें जैसे कोई हार पहना रहा हो”।
अपनी हृदयरूपी पटिया पर लिखना
"हमेशा उन्हें याद रखना, जैसे कि तुमने उन्हें एक पटी पर स्थायी रूप से लिखा हो”।
तू अति प्रतिष्ठित होगा
यहाँ दृष्टि निर्णय या मूल्यांकन को दर्शाता है कि "परमेश्वर और मनुष्य के न्याय में“।