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ये लोग तो अपनी ही हत्या करने के लिये घात लगाते हैं, \q और अपने ही प्राणों की घात की ताक में रहते हैं।
“परन्तु यह व्यक्ति पक्षियों की तुलना में अधिक मूर्ख है।वे अपने खुद के जाल से खुद को मार लेता है”।
सब की चाल ऐसी ही होती है
एक व्यक्ति का भाग्य या किस्मत बात करता है जैसे कि एक व्यक्ति सड़क पर चलता है जैसे कि “हर एक के लिए ऐसा ही होता है”।
उनका प्राण लालच ही के कारण नाश हो जाता है।
एक व्यक्ति खुद नष्ट करने की कोशिश कर रहा है