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किसी गोत्र की हो जो भाग पानेवाली हो

“जो भूमि से भाग लेना चाहे”।

भाग के अधिकारी रहें

जिस देश के पास हर कुल हो कि बात की जाती है कि जे भूमि उन्‍हें विरासत में मिलती है।

किसी गोत्र का भाग दूसरे गोत्र के भाग में मिलने न पाएँ;

एक जनजाति से दूसरे में जगह प्रस्‍थान करने की बात की जाती है जैसे कि संपत्ति एक व्यक्ति के हाथों से दूसरे व्यक्ति के हाथों में चली जाती हो।जैसे कि “कोई भी अपने हिस्‍से की भूमि को एक जगह से दूसरी जगह स्‍थानतरित नहीं कर सकता”।