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सामानय जानकारी:

परमेश्‍वर के लिए विचारों का “साफ" और "शुद्ध“ होने को दर्शाती है।

सामानय जानकारी

परमेश्‍वर को “अशुद्ध”, “अपवित्र”, “अशुद्धता” और “अपवित्रता” स्‍वीकार्य नहीं है।

किसी मनुष्य के शव को

“किसी भी व्‍यक्‍ति का मृत शरीर”।

अपने को पावन करे,

जो कोई भी व्यक्ति जो साफ है उसे गायों के राख के साथ कुछ पानी मिलाकर छिड़काव द्वारा उसे शुद्ध करने के लिए पूछना होगा।किसी को शुद्ध करने के लिए कहने जैसे कि वह खुद शुद्ध हो।

यदि वह तीसरे दिन अपने आप को पाप छुड़ाकर पावन न करे,तो सातवें दिन शुद्ध न ठहरेगा।

यहां स्‍पष्‍ट रूप में कहा जा सकता हैकि "वह सातवें दिन साफ हो जाएगा अगर वह खुद को तीसरे दिन खुद को शुद्ध करे”।

वह मनुष्य, नाश किया जाए

यह वाक्‍यांश “नाश करना”का अर्थ है कि इनकार करना और दूर भेजना जैसे कि “उस व्यक्ति को दूर भेजा जाना चाहिए“।(9;13)

अशुद्धता से *छुड़ानेवाला जल उस पर न छिड़का गया

इस में स्‍पष्‍ट रूप में कहा जा सकता है कि “किसी ने भी उस पर अशुद्धता के लिए पानी नहीं छिड़का"।

अशुद्धता से *छुड़ानेवाला जल

"चीजों को शुद्ध बनाने के लिए पानी छिड़का जाता है”।

इस कारण वह अशुद्ध ठहरेगा; उसकी अशुद्धता उसमें बनी रहेगी।

इन दोनो वाक्‍यांशों का एक ही अर्थ है।