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फिर कोई शुद्ध

परमेश्‍वर के लिऐ स्‍वीकार्य होना और साफ पवित्र काम करने के लिए योग्‍य होने कि बात की जाती है।

वह राख, रखी रहे

इस में स्‍पष्‍त कहा जाता है कि “तुमको यह राख रखनी चाहिए”।

किसी शुद्ध स्थान में रख छोड़े

परमेश्‍वर के लिए साफ और शुद्ध होने कि बात की जाती है।

अशुद्ध रहे।

परमेश्‍वर को अस्वीकार्य या कोई पवित्र कार्य करने के लिए अयोग्य होने के बारे में कहा जाता है कि वह अशुद्ध नहीं है।