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648 B

पवित्रस्‍थान के विरुद्ध अधर्म का भार

यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “धर्म के विरुद्ध जो सारे पाप करता है उसे सजा मिलती है।

तुम्हारे याजक कर्म के विरुद्ध अधर्म का भार

यह स्‍पष्ट रुप में कहा जा सकता है कि “याजक में कोई भी पाप”।

याजक

“कोई याजक”।