hi_tn/num/06/06.md

1.2 KiB

अलग…अलग…अलग रहने

यहाँ “अलगाव” का अर्थ है “सर्मपण” जैसे “सर्मपण…सर्मपण…सर्मपण“।

अशुद्ध

जो इंसान परमेश्वर को आध्यात्मिक रूप से अस्वीकार्य या दूषित समझता है, वह इस तरह की बात करता है मानो वह व्यक्ति शारीरिक रूप से अशुद्ध हो।

अलग रहने का

स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “उसने खुद को अलग कर लिया”।

अपने अलग रहने के

“कि उसने खुद को अलग कर लिया है”।

यहोवा के लिये पवित्र ठहरा रहे।

स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “उन्‍होनें खुद को यहोवा के लिए ठहराया”।