hi_tn/num/05/27.md

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यदि वह अशुद्ध हुई हो और अपने पति का विश्वासघात किया हो,

यह स्‍पष्‍ट रूप मे कहा जा सकता है कि “उसने खुद को प्रतिबद्ध करके परिभाषित किया है"।

अशुद्ध हुई हो

यहाँ “पाप“ विशेष रूप से व्यभिचार करने के लिए दर्शाता है। इस कथन का अर्थ स्पष्ट किया जा सकता है कि “कमी व्यभिचार“।

उसका पेट फूलेगा, और उसकी जाँघ सड़ जाएगी

स्त्री बच्चे पैदा करने में असमर्थ हो जाएगी।

स्त्री लोगों के बीच श्रापित हो जाएगी

यह स्पष्ट रूम में कहा जा सकता है कि “उसके लोग उसे श्राप देगे”।

अशुद्ध न हुई हो

यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि “अपने आप को अशुद्ध नहीं किया”।

यदि वह शुद्ध ही हो

यहाँ उसके “बेगुनाह” होने की बात की जाती है जो शुद्ध है।

तो वह निर्दोष ठहरेगी

“तो वह श्रापित नहीं है”।

गर्भवती हो सकेगी

“गर्भवती होती है”।