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कुलवालों की यह सेवकाई हो... सेवा करने और भार उठाने में

यह वाक्य एक विवरण है जो हमें बताता है कि नीचे लिखी आयतों मे कया है।

गेर्शोनियों

यहाँ लेखक वंशजो से आने की बात करता है जैसे गेर्शोन से उतरा है“।(3:21)

मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे,

यह एक बाहरी आवरण है जिसे ढ़कने लाले तम्‍बू को शीर्य पर रखा गया है कि “ यह संमुद्री गाय का आवरण करता है के ऊपर रखा गया है”।

इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए

यह स्‍पष्‍ट रुप मे कहा जा सकता है कि “जो कुछ भी काम की चीजे थी”।