hi_tn/neh/13/19.md

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जब विश्रामवार के पहले दिन…आस-पास अंधेरा होने लगा,

“जब सूर्य छिप गया… और यह विश्राम के दिन का आगाज है”

पल्ले बन्द किए जाएँ,और यह भी आज्ञा दी, कि वे विश्रामवार के पूरे होने तक खोले न जाएँ।

“पहरेदार दरवाजा बन्‍द कर दें और तब तक ना खोलें”

कोई बोझ भीतर आने न पाए।

“जो कुछ वह बेचना चाहते थे कोई अंदर ना लाने पाये”

व्यापारी और कई प्रकार के सौदे के बेचनेवाले

“लोग जो अलग अलग तरह का सामान लेकर आये थे वह बेचना चाहते थे”