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अधिकारी ठहराए गए

“उन्‍होने पुरुषों को अधिकारी के रूप में ठहराया”

दशमांशों

“चीजें, जो लोग याजकों को देते थे”

यहूदी उपस्थित याजकों और लेवियों के कारण आनन्दित थे

“यह ऐसा लगता है कि लोगों ने पुरुषों को ठहराया क्‍योंकि सेवा कर रहे लेवी और याजकों के कारण वह आनन्‍दित थे”

उपस्थित

“जो उनके सामने परमेश्वर की सेवकाई के लिऐ खड़े थे”

द्वारपाल

लोगों को हर फाटक पर ठहराया गया, शहर और भवन में पहुँचने वालो पर नियंत्रन के उत्तरदायी होते थे, इसके साथ फाटक को समय पर खोलते और बंद करते थे