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नहेम्‍याह लगातार गुलामी से वापिस लौटे लोगों की पुनर्गणना कर रहा है।

येशुअ...कदमीएल...होदवा...आसाप...शल्लूम...आतेर... तल्मोन...अक्कूब...हतीता...शोबै

“यह सब पुरुषों के नाम हैं।

गवैये

सुरों के संगीतकार जो आराधना को चलाते थे, शोभा यात्रा और पर्वो पर संगीत देते थे और समागमो में गाते थे।

द्वारपाल

लोगों को हर फाटक पर ठहराया गया,सहर और मंदिर में पहुँचने वालों पर नियंत्रन के जिम्मेदार थे, इसके साथ फाटक को समय पर खोलते और बंद करते थे।