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861 B
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शमायाह… दलायाह… महेतबेल
यह पुरुषों के नाम है।
वह तो बन्द घर में था
“जिनको अधिकारीयों ने उसके घर में रहने के लिये आज्ञा दी थी”
“क्या मुझ जैसा मनुष्य भागे? और मुझ जैसा कौन है जो अपना प्राण बचाने को मन्दिर में घुसे*? मैं नहीं जाने का।”
“मेरे जैसा आदमी नहीं भागेगा। और मेरे जैसा आदमी जिंदा रहने को छिपने के लिये मंदिर में नहीं जाऐगा।