hi_tn/neh/06/08.md

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तब मैंने उसके पास कहला भेजा,

“यहाँ पर “मैने” नहेम्‍मयाह और “उसके” सम्बल्लत को दर्शाता है”

जैसा तू कहता है, वैसा तो कुछ भी नहीं हुआ,

जो बातें तुमने कही हैं इन में से एक भी नहीं हुई।

तू ये बातें अपने मन से गढ़ता है।

“तू अपनी कल्पना में यह बनाता है”

वे सब लोग यह सोचकर हमें डराना चाहते थे,

“यह नहेम्‍मयाह के दुश्मनों को दर्शाता है”

उनके हाथ ढीले पड़ जाए, और काम बन्द हो जाए

“शहरपनाह पर काम करने वाले काम बंद कर देंगे”

मुझे हियाव दे

“मुझे प्रोत्साहित करो” या “मुझे हौसला दो“