hi_tn/neh/06/05.md

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पाँचवी बार सम्बल्लत ने अपने सेवक को खुली हुई चिट्ठी* देकर मेरे पास भेजा,

“सम्‍बल्‍लत ने इसी प्रकार पाँचवीं अपने सेवक को भेजा”

पाँचवी बार

पाँचवी बार

खुली हुई चिट्ठी

“यह खुली हुई राजनयिक सूचना की चिट्ठी थी, यह प्राप्त करने वाले के लिए निरादर की बात थी क्योंकि इसको ले जाने वाला इसे पढ़ सकता था और इस संदेश को दूसरों में फैला सकता था।

देकर

“उसके देखरेख में”

“जाति-जाति के लोगों में यह कहा जाता है,

“क्षेत्र के यह अफवाह है “

यहूदियों की मनसा बलवा करने की है

अर्तक्षत्र के विरुध बदला लेने की योजना है”