hi_tn/neh/04/10.md

467 B

मिट्टी बहुत पड़ी है,

“जले हुवे पत्‍थर”

“जब तक हम उनके बीच में न पहुँचे, तब तक उनको न कुछ मालूम होगा, और न कुछ दिखाई पड़ेगा।

“जब तक हम उनके पीछे हैं वह हमें आते हुए नहीं देख पाऐंगे।”