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जब सम्बल्लत
यहाँ पर नहेम्याह ने “जब” शब्द का उपयोग कहानी के नये हिस्से को संकेत करने के लिए किया है।
सम्बल्लत…तोबियाह
“यह पुरुषों के नाम है”
तब उसने बुरा माना, और बहुत रिसियाकर
“वह बहुत क्रोधित हो गया”
वह अपने भाइयों के सामने
“अपने भाईयो के सामने”
वे निर्बल क्या हैं...क्या वे अपना स्थान दृढ़ करेंगे...क्या वे यज्ञ करेंगे...क्या वे आज ही सब को निपटा डालेंगे
“यह कमज़ोर यहूदी कुछ नहीं कर सकते, वह अपने लिए शहर नहीं बना सकेंगे। वह भेंट नहीं चढ़ा पाऐंगे।वह एक दिन में सारा काम नहीं ख़त्म कर पाऐंगे”
निर्बल यहूदी
“कमजोर यहूदी”
आज ही
“जल्द ही”
क्या वे मिट्टी के ढेरों में के जले हुए पत्थरों को फिर नये सिरे से बनाएँगे?
“वह मिट्टी के ढेरों में से जले हुवे पत्थरो को दोबारा नही बना पाऐंगे”
मिट्टी के ढेरों में के जले हुए पत्थरों को फिर नये सिरे से बनाएँगे
“शहर को दौबारा बनाया और इसकी दीवारों को बेकार के पत्थरों से बनया जो जले हुए और मिट्टी के ढेर में तबदील थे”
मिट्टी के ढेरों में के जले हुए पत्थरों को
“मिट्टी के ढेरों से जिनको किसी ने जला दिया था”
यदि कोई गीदड़ भी उस पर चढ़े, तो वह उनकी बनाई हुई पत्थर की शहरपनाह को तोड़ देगा।”
“वह दीवार जो वह बना रहे है वह इतनी कमजोर है कि अगर कोई छोटा सा गीदड़ भी चड़ गया तो पत्थरों की दीवार धरती पर गिर जाएगी”