चिट्ठियाँ मुझे दी जाएँ
“कृप्या आप मुझे मुझे चिट्ठियाँ दे दीजिए”
महानद के पार के अधिपतियों के
“यह एक प्रांत का नाम है जो फरात की महाँ नदी के पश्चिम में था। यह सूसा के शहर से नदी के पार था”
आसाप
यह पुरूष का नाम है।
मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर थी,
“परमेश्वर का अनुग्रह मेरे उपर था”