hi_tn/mrk/10/43.md

531 B

बड़ा होना चाहे

"सम्मान पाना चाहे" या "प्रशंसा पाना चाहे"

जो कोई

कोई भी

क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिए नहीं आया कि उसकी सेवा टहल की जाए।

"क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिए नहीं आया कि लोगों से अपनी सेवा करवाए।"