forked from WA-Catalog/hi_tn
1.8 KiB
1.8 KiB
यीशु अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहा है, यह घटना में आरंभ हुई थी।
यीशु जनसमूह से बातें कर रहा है कि व्यक्तिगत रूप में उनके साथ क्या हो सकता है। "तुम" बहुवचन में है।
क्योंकि.... इसलिए
प्रत्येक शब्द एक नये वाक्य का आरंभ करता है तो का वर्णन करता है। अर्थात अन्यजातीय इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं, अतः "चिन्ता न करना", "तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है कि तुम्हें इन सब वस्तुओं की आवश्यकता है "अतः चिन्ता न करना"।
इसलिए
वैकल्पिक अनुवाद "इन बातों के कारण"।
"कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा।"
दिन का व्यक्तिवाचक संबोधन वास्तव में उस मनुष्य का प्रतीक है जो "कल के दिन के लिए जीता है।" (देखें यू.डी.बी.)
आज के लिए आज ही का दुःख बहुत है।
इसका अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है, "आज के दिन के लिए आज की परेशनियाँ ही बहुत हैं"।