hi_tn/mal/02/08.md

1.8 KiB

परन्तु तुम लोग मार्ग से ही हट गए;

अच्‍छे विवहार को इस तरह बयान किया गया है जेसे कि यह सच्‍चाई पर चलने का रासता है“

तुम बहुतों के लिये ठोकर का कारण हुए

ठोकर दिलाना प्रमेशवर की पालना ना करने के समान है।

तुम बहुतों के लिये व्यवस्था के विषय में ठोकर का कारण हुए;

“तुम ने बहुतो के लिऐ व्‍यवस्‍था की पालना ना करने का कारण बने”

सब लोगों के सामने

“यह लोगो के जाजको के बुरे व्‍यवहार प्रती जानकारी को दर्शाता है”

तुम मेरे मार्गों पर

“मेरी ईच्‍छा के अनुसार तुमहे कैसे रहना‍ चाहीऐ”

व्यवस्था देने में मुँह देखा विचार करते हो।”

“व्‍यवहार के आसान मानक अपने पसँद के लोगो के लिऐ और व्‍यवहार के कठिन मानक उनके लिऐ जिनको तुम पसँद नही करते”

मुँह देखा विचार करते हो

लोगो को इस बात से जानू करवाना कि तुमओरो से जयादा कुच्‍छ लोगो का पक्ष लेना