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सामन्य जानकारी
यहोवा लेवी के कबीले के बारे में बता रहा है जैसे कि वह एक व्याकित है।
मेरी जो वाचा उसके साथ बंधी थी वह जीवन और शान्ति की थी,
“लेवी जाजको के साथ मेरी वाचा का उदेश शान्ति और सफलता का जीवन था”
वह भय मानता रहे; और उसने मेरा भय मान भी लिया
”उसके साथ मेरी वाचा भैय की भी थी और उसने मेरा भैय माना है”
मेरे नाम से अत्यन्त भय खाता था।
यहा पर “मेरे नाम” का मतलब प्रमेशवर खुद है”
उसके मुँह से कुटिल बात न निकलती थी।
“उसमें कोई झूठ नही था”
उसके मुँह से
“यह व्याकित की बोलने की क्षमता को दर्शाता है”
मेरे संग-संग चलता था,
यहा पर “चलना” जीवन को सिधाई से जीने के संचार को दर्शाता है”
वह शान्ति और सिधाई से
“शांतमय और सत्यनिष्ठा से”
बहुतों को अधर्म से लौटा ले आया था।
“वह बहुत से लोगो को पाप करने से मोड़ ले आया”
क्योंकि याजक को चाहिये कि वह अपने होंठों से ज्ञान की रक्षा करे
यहा पर ज्ञान को इस तरह बताया गया है जैसे कि यह कोई चीज है जिसे जाजक रख सकता है। इस पाठय में “ ज्ञान “ के विचार का मतलब प्रमेशवर के सच्चे ज्ञान से सम्बँधित है।
होंठों से
“यह व्याकित की बोलने की क्षमता को दर्शाता है”
अपने होंठों से ज्ञान की रक्षा करे,
“शिक्षित होना चाहीऐं”
अपने होंठों से ज्ञान की रक्षा करे,
“जाजक को चाहीऐ कि उन्हे सच्चाई के साथ सिखाऐं“
उसके मुँह से
“मूँह” यहा पर व्यकित के कहे जाने को दर्शाता है।