hi_tn/luk/24/01.md

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सप्ताह के पहले दिन बड़े भोर की

“रविवार को दिन तड़के ही”

कब्र पर आईं

“कब्र पर पहुंची” यू.एल.बी. इस प्रकार लिखी गई है कि जैसे लेखक कब्र पर ही था और स्त्रियों को वहां आते देख रहा था। यू.डी.बी. इस प्रकार लिखी गई है कि जैसे लेखक स्त्रियों को उस नामरहित स्थान से कूच करके कब्र पर जाते देख रहा था।

कब्र

यह कब्र एक चट्टान काट कर बनाई गई थी।

पत्थर को कब्र पर से लुड़का हुआ देखा

एक बड़ा चट्टान का पत्थर, जो कब्र के द्वार को बन्द करने के लिए रखा गया था। उसे लुड़काने के लिए बहुत लोगों की आवश्यकता पड़ती थी।