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(यीशु के कथन पर कि शैतान उन्हें परखेगा, पतरस प्रतिक्रिया दिखाता है)
मुर्ग बांग न देगा
यहाँ मुर्ग का बांग देना दिन के एक निश्चित समय के लिए लाक्षणिक प्रयोग है। मुर्ग प्रायः भोर के समय बांग देता है।
मुर्ग बांग न देगा जब तक तू तीन बार मेरा इन्कार न कर लेगा।
इसका अनुवाद सकारात्मक वाक्य में किया जा सकता है, “मुर्ग के बांग देने से पूर्व तू तीन बार मेरा इन्कार कर चुका होगा” इसका क्रम बदला जा सकता है, “आज मुर्ग के बांग देने से पहले तू तीन बार कहेगा कि मुझे नहीं जानता”
आज
यहूदियों का नया दिन सूर्यास्त से आरंभ होता था। यीशु सूर्यास्त के बाद उनसे बातें कर रहा था। मुर्ग भोर के समय बांग देगा। भोर का समय उसी दिन का भाग था। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “आज रात” या “सुबह”