hi_tn/luk/12/37.md

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(यीशु अपने शिष्यों को एक शिक्षाप्रद कथा सुना रहा है)

धन्य है

कैसा सौभाग्य है

जिन्हें स्वामी आकर जागते पाए

“अपने आगमन पर उनका स्वामी उनकी प्रतीक्षा कर रहा था” या “जो अपने स्वामी के लिए आगमन पर तैयार पाए जाएं”।

वह कमर बांध कर उन्हें भोजन करने को बैठाएगा

यह पिछले पद का विपरीत है। क्योंकि सेवक अपने स्वामी के प्रति निष्ठावान थे इसलिए उन पर स्वामी उन्हें अपनी सेवा द्वारा प्रतिफल देगा।

वह कमर बांध कर

इसके अनुवाद में निहितार्थ को स्पष्ट किया सकता है, “वह कमर कसकर उनकी सेवा करेगा” या “तैयार होकर उनकी सेवा करेगा”

रात के दूसरे पहर

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “रात में बहुत देर से” या “मध्य रात्री से कुछ ही समय पूर्व” दूसरा पहर रात 9 बजे से 12 बजे के बीच का होता था।

या तीसरे पहर

इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “यदि वह रात में बहुत देर से आए” तीसरा यह रात 12 बजे से सुबह 3 बजे तक का होता था।